पर्यावरण पर शेर

जंगलों को काट कर कैसा ग़ज़ब हम ने किया

शहर जैसा एक आदम-ख़ोर पैदा कर लिया

फ़रहत एहसास

आग जंगल में लगी है दूर दरियाओं के पार

और कोई शहर में फिरता है घबराया हुआ

ज़फ़र इक़बाल

जंगल जंगल आग लगी है दरिया दरिया पानी है

नगरी नगरी थाह नहीं है लोग बहुत घबराए हैं

जमील अज़ीमाबादी

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए