दिल पर उद्धरण

दिल ऐसी शैय नहीं जो बाँटी जा सके।

सआदत हसन मंटो

दाग़ तो दो ही चीज़ों पर सजता है, दिल और जवानी।

मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी

दाग़ तो दो ही चीज़ों पर सजता है, दिल और जवानी।

मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी

सुलगते सिगरेट और धड़कते दिल में कितनी मुमासिलत है!

बलराज मेनरा

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

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