
वो लोग जो मुझे या मेरे मिज़ाज के आदमियों को हक़ारत की नज़रों से देखते हैं उनके मुतअल्लिक़ मुझे अफ़सोस से कहना पड़ेगा कि वो शे'अरियत से यकसर ख़ाली हैं। ड्रामे को समझने और इस से हज़ उठाने की सलाहियत उनमें ज़र्रा भर नहीं।
वो लोग जो मुझे या मेरे मिज़ाज के आदमियों को हक़ारत की नज़रों से देखते हैं उनके मुतअल्लिक़ मुझे अफ़सोस से कहना पड़ेगा कि वो शे'अरियत से यकसर ख़ाली हैं। ड्रामे को समझने और इस से हज़ उठाने की सलाहियत उनमें ज़र्रा भर नहीं।
Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi
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