मिर्ज़ा ग़ालिब पर उद्धरण

ग़ालिब की अज़मत का एतिराफ़

किस ने नहीं किया। न सिर्फ हिन्दुस्तानी अदबियात बल्कि आलमी अदब में ग़ालिब की अज़्मत और इस के शेरी मर्तबे को तस्लीम किया गया है। ग़ालिब के हम-अस्र और उनके बाद के शायरों ने भी उनको उनक उस्तादी का ख़िराज पेश किया है। ऐसे बहुत से शेर हैं जिनमें ग़ालिब के फ़न्नी-ओ-तख़्लीक़ी कमाल के तज़किरे मिलते हैं। हम एक छोटा सा इन्तिख़ाब पेश कर रहे हैं।

ग़ालिब दुनिया में वाहिद शायर है जो समझ में आए तो दुगना मज़ा देता है।

मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए