प्रगतिशील पर कहानियाँ

तरक़्क़ी पसंद

तंज़-ओ-मिज़ाह के अंदाज़ में लिखी गई यह कहानी तरक्क़ी-पसंद अफ़साना-निगारों पर भी चोट करता है। जोगिंदर सिंह एक तरक्क़ी-पसंद कहानी-कार है जिसके यहाँ हरेंद्र सिंह आकर डेरा डाल देता है और निरंतर अपनी कहानियाँ सुना कर बोर करता रहता है। एक दिन अचानक जोगिंदर सिंह को एहसास होता है कि वो अपनी बीवी की हक़-तल्फ़ी कर रहा है। इसी ख़्याल से वो हरेंद्र से बाहर जाने का बहाना करके बीवी से रात बारह बजे आने का वादा करता है। लेकिन जब रात में जोगिंदर अपने घर के दरवाज़े पर दस्तक देता है तो उसकी बीवी के बजाय हरेंद्र दरवाज़ा खोलता है और कहता है जल्दी आ गए, आओ, अभी एक कहानी मुकम्मल की है, इसे सुनो।

सआदत हसन मंटो

रिश्वत

एक नौजवान के ज़िंदगी के तल्ख़ तज़ुर्बों पर आधारित कहानी है। जब उसने बी. ए पास किया तो उसके बाप का इरादा था कि वह उसे उच्च शिक्षा के लिए विलायत भेजेगा। इसी बीच उसके बाप को जुए की लत लग गई और वह सब कुछ जुए में हारकर मर गया। नौजवान ख़ाली हाथ दुनिया से संघर्ष करने लगा। वह जहाँ भी नौकरी के लिए जाता, हर जगह उससे रिश्वत माँगी जाती। आख़िर में परेशान हो कर उसने अल्लाह को एक ख़त लिखा और उस ख़त के साथ रिश्वत के तौर पर वे तीस रूपये भी डाल दिए जो उसने मज़दूरी कर के कमाए थे। उसका यह ख़त एक अख़बार के एडिटर के पास पहुँच जाता है, जहाँ से उसे दो सौ रूपये माहवार की तनख़्वाह पर नौकरी के लिए बुलावा आ जाता है।

सआदत हसन मंटो

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

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