वेश्या अपनी तारीक तिजारत के बावजूद रौशन रूह की मालिक हो सकती है।
जिस्मानी हिसिय्यात से मुताल्लिक़ चीज़ें ज़्यादा देरपा नहीं होतीं मगर जिन चीज़ों का ताल्लुक़ रूह से होता है, देर तक क़ायम रहती हैं।
जिस्म दाग़ा जा सकता है मगर रूह नहीं दाग़ी जा सकती।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
वेश्या अपनी तारीक तिजारत के बावजूद रौशन रूह की मालिक हो सकती है।
जिस्मानी हिसिय्यात से मुताल्लिक़ चीज़ें ज़्यादा देरपा नहीं होतीं मगर जिन चीज़ों का ताल्लुक़ रूह से होता है, देर तक क़ायम रहती हैं।
जिस्म दाग़ा जा सकता है मगर रूह नहीं दाग़ी जा सकती।
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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