तरकीब बंद
तर्कीब-बंद का रूप ग़ज़ल जैसा होता है जिस के एक बंद में शेरों की संख्या कम से कम 5 और ज़ियादा से ज़ियादा 11 होती है। हर बंद के आख़िरी शेर की बह्र एक जैसी होती है मगर क़ाफिया अलग होता है।
उर्दू के पहले बड़े शायर जिन्हें 'ख़ुदा-ए-सुख़न' (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता है