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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

पिता के नाम बेहतरीन शायरी

घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में

मिट्टी के खिलौने भी सस्ते थे मेले में

क़ैसर-उल जाफ़री

माँ की दुआ बाप की शफ़क़त का साया है

आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है

अंजुम सलीमी

ये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ

इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा

मुनव्वर राना

मुद्दत के बाद ख़्वाब में आया था मेरा बाप

और उस ने मुझ से इतना कहा ख़ुश रहा करो

अब्बास ताबिश

बाप ज़ीना है जो ले जाता है ऊँचाई तक

माँ दुआ है जो सदा साया-फ़िगन रहती है

सरफ़राज़ नवाज़

बाप बोझ ढोता था क्या जहेज़ दे पाता

इस लिए वो शहज़ादी आज तक कुँवारी है

मंज़र भोपाली

मेरा भी एक बाप था अच्छा सा एक बाप

वो जिस जगह पहुँच के मरा था वहीं हूँ मैं

रईस फ़रोग़

हड्डियाँ बाप की गूदे से हुई हैं ख़ाली

कम से कम अब तो ये बेटे भी कमाने लग जाएँ

रऊफ़ ख़ैर

मैं अपने बाप के सीने से फूल चुनता हूँ

सो जब भी साँस थमी बाग़ में टहल आया

हम्माद नियाज़ी

जो वालिद का बुढ़ापे में सहारा बन नहीं सकता

जो सच पूछो तो हो लख़्त-ए-जिगर अच्छा नहीं लगता

अनवार फ़िरोज़
बोलिए