वासोख़्त
वासोख़्त में प्रेमी अपनी प्रेमिका को जली-कटी सुनाता है और उसकी बेपरवाई पर दुख वयक्त करता है। शुरू में ये आठ मिसरे के फॉर्म में होता था लेकिन मीर ने इस के लिए मुसद्दस की सूरत स्थापित की।
उर्दू के पहले बड़े शायर जिन्हें 'ख़ुदा-ए-सुख़न' (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता है