aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1993 | यवतमाल, भारत
तिश्नगी आ तुझे दरिया के हवाले कर दूँ
तुझ को इस हाल में प्यासा नहीं देखा जाता
तुम्हारे बाद ये ग़म भी उठाना पड़ता है
ख़ुशी मिले न मिले मुस्कुराना पड़ता है
तुम मिरा नाम-ओ-नसब पूछ रहे हो सब से
इश्क़ हो जाए तो शजरा नहीं देखा जाता
उम्र-भर उन से त'अल्लुक़ नहीं टूटा करता
ऐसे कुछ लोग हैं जो दिल में उतर जाते हैं
उन्हें यक़ीं कि कोई रंज-ओ-ग़म नहीं मुझ को
मुझे भरम कि मिरा मसअला समझते हैं
Ishq Mahal
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