Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Inaam azmi's Photo'

इनआम आज़मी

1997 | क़तर

नई नस्ल के उभरते हुए शायरों में शामिल, ग़ज़ल में बेसाख़्तगी और अंदरूनी कैफ़ियात का इज़हार, उस्लूब में रवानी

नई नस्ल के उभरते हुए शायरों में शामिल, ग़ज़ल में बेसाख़्तगी और अंदरूनी कैफ़ियात का इज़हार, उस्लूब में रवानी

इनआम आज़मी

ग़ज़ल 11

अशआर 5

अँधेरे इस लिए रहते हैं साथ साथ मिरे

ये जानते हैं मैं इक रोज़ रौशनी करूँगा

  • शेयर कीजिए

अब उस से कहना कि अगले हिस्से में आने वाला है मोड़ ऐसा

जहाँ किसी का मैं हल बनूँगा कोई मिरा मसअला बनेगा

  • शेयर कीजिए

उस ने इस तरह से बदला है रवय्या अपना

पूछना पड़ता है हर वक़्त तुम्हीं हो ना दोस्त

  • शेयर कीजिए

मुझे पता है मोहब्बत में क्या गुज़रती है

सो तुझ से इश्क़ नहीं तुझ से दोस्ती करूँगा

  • शेयर कीजिए

लोग जैसे भी हों पैरों के तले रखते हैं

इतना आसाँ नहीं होता है ज़मीन होना दोस्त

  • शेयर कीजिए

चित्र शायरी 1

 

संबंधित शायर

Recitation

बोलिए