aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
शब्दार्थ
तेरा इमाम बे-हुज़ूर तेरी नमाज़ बे-सुरूर
ऐसी नमाज़ से गुज़र ऐसे इमाम से गुज़र
"तू अभी रहगुज़र में है क़ैद-ए-मक़ाम से गुज़र" ग़ज़ल से की अल्लामा इक़बाल
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