aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
शब्दार्थ
अहद-ए-जवानी रो रो काटा पीरी में लीं आँखें मूँद
यानी रात बहुत थे जागे सुब्ह हुई आराम किया
"उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया" ग़ज़ल से की मीर तक़ी मीर