संपूर्ण
परिचय
ग़ज़ल88
नज़्म150
शेर85
ई-पुस्तक220
टॉप 20 शायरी 20
चित्र शायरी 54
ऑडियो 95
वीडियो341
क़ितआ37
क़िस्सा3
लेख3
गेलरी 21
ब्लॉग4
अन्य
लोरी1
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल 88
नज़्म 150
अशआर 85
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
क़ितआ 37
क़िस्सा 3
लेख 3
लोरी 1
पुस्तकें 220
चित्र शायरी 54
वीडियो 341
This video is playing from YouTube