ग़ुलाम अली के वीडियो
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ग़ुलाम अली
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aarzoo hai ke nazar aai Mera Mah-e-tamam ग़ुलाम अली
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Gham nahi ji tan se nikla dil gaya ग़ुलाम अली
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hum tere shaher aaye hai musafir ki tarah ग़ुलाम अली
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Jawab-e-Khizr ग़ुलाम अली
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kabhi aah lab pe machal gayi ग़ुलाम अली
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na jaan ekab wo palat aae dar khula rakha ग़ुलाम अली
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Raaste yaad nahin rehnuma yaad nahin ग़ुलाम अली
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कोई क़रीब न आए शिकस्ता-पा हूँ मैं ग़ुलाम अली
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हम ने हसरतों के दाग़ आँसुओं से धो लिए ग़ुलाम अली
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har ek baat pe kahte ho tum ki tu kya hai ग़ुलाम अली
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wo aa ke KHwab mein taskin-e-iztirab to de ग़ुलाम अली
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अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम ग़ुलाम अली
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इतनी मुद्दत बा'द मिले हो ग़ुलाम अली
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इतनी मुद्दत बा'द मिले हो कुछ तो दिल का हाल कहो ग़ुलाम अली
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एक वा'दा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं ग़ुलाम अली
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कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में ग़ुलाम अली
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कभी कहा न किसी से तिरे फ़साने को ग़ुलाम अली
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कभी किताबों में फूल रखना कभी दरख़्तों पे नाम लिखना ग़ुलाम अली
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करूँ न याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे ग़ुलाम अली
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कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में ग़ुलाम अली
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किया है प्यार जिसे हम ने ज़िंदगी की तरह ग़ुलाम अली
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किसी और ग़म में इतनी ख़लिश-ए-निहाँ नहीं है ग़ुलाम अली
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कोई अटका हुआ है पल शायद ग़ुलाम अली
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ख़ूब-रूयों से यारियाँ न गईं ग़ुलाम अली
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ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में ग़ुलाम अली
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ख़ातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया ग़ुलाम अली
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ख़ाली है अभी जाम मैं कुछ सोच रहा हूँ ग़ुलाम अली
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जब भी आँखों में अश्क भर आए ग़ुलाम अली
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जहाँ तेरा नक़्श-ए-क़दम देखते हैं ग़ुलाम अली
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ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ ग़ुलाम अली
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ज़िंदगी से यही गिला है मुझे ग़ुलाम अली
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तू ने कुछ भी न कहा हो जैसे ग़ुलाम अली
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तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे ग़ुलाम अली
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तमाम उम्र तिरा इंतिज़ार हम ने किया ग़ुलाम अली
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तेरी बातें ही सुनाने आए ग़ुलाम अली
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तुलू-ए-इस्लाम ग़ुलाम अली
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दिल में और तो क्या रक्खा है ग़ुलाम अली
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दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला ग़ुलाम अली
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फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था ग़ुलाम अली
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ये आलम शौक़ का देखा न जाए ग़ुलाम अली
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ये कौन आ गई दिल-रुबा महकी महकी ग़ुलाम अली
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ये दिल ये पागल दिल मिरा क्यूँ बुझ गया आवारगी ग़ुलाम अली
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यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग ग़ुलाम अली
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रंज की जब गुफ़्तुगू होने लगी ग़ुलाम अली
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वो कभी मिल जाएँ तो क्या कीजिए ग़ुलाम अली
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वो कोई और न था चंद ख़ुश्क पत्ते थे ग़ुलाम अली
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वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा ग़ुलाम अली
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शाम से आज साँस भारी है ग़ुलाम अली
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सहमा सहमा डरा सा रहता है ग़ुलाम अली
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है दुआ याद मगर हर्फ़-ए-दुआ याद नहीं ग़ुलाम अली
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हुई है शाम तो आँखों में बस गया फिर तू ग़ुलाम अली
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हम को किस के ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही ग़ुलाम अली
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हिम्मत-ए-इल्तिजा नहीं बाक़ी ग़ुलाम अली