जगजीत सिंह के वीडियो
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![Ishq ke shole ko bhadkao](https://img.youtube.com/vi/UF7HCeZm_KA/1.jpg)
Jagjit Singh sings Makhdoom Mohiuddin's 'Ishq ke shole ko bhadkao' in Ali Sardar Jafri's 'Kahkashan'.The charachter of Makhdoom who has been a freedom fighter and a leading figure of Communist Party of India is portrayed by Irfan Khan. जगजीत सिंह
![Nazar Woh Hai Ke Jo](https://img.youtube.com/vi/_rjrwhmPjVA/1.jpg)
Jigar Moradabadi's 'Nazar woh hai....' sung by Jagjit Singh in Ali Sardar Jafri's 'Kahkashan' जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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जगजीत सिंह
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Dekhna Jazb-e-mohabbat ka asar Aaj ki raat जगजीत सिंह
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Ab mohabbat na wafa aur na yaaraane hai जगजीत सिंह
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Ai watan mere watan जगजीत सिंह
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apne dil ko dono aalam se जगजीत सिंह
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bahut pahle se un qadmon ki aahat jaan lete hain जगजीत सिंह
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Ek diwane ko aaye hain diwane kai जगजीत सिंह
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Ghar Se Nikle The Hausala Karke जगजीत सिंह
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Hans Ke Bola Karo Bulaya Karo जगजीत सिंह
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Hijaab-e-fitna par ab utha leti to acha tha जगजीत सिंह
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Ishq ke shole ko bhadkao जगजीत सिंह
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Koi ye kaise bataye (Movie- Arth) written by Kaifi Azmi जगजीत सिंह
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mere qareeb na aao जगजीत सिंह
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Nazar Woh Hai Ke Jo जगजीत सिंह
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Pyar mujhse jo kiya tumne जगजीत सिंह
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tere aane ki jab khabar mehke जगजीत सिंह
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Tujhse rukshat ki woh sham-e-ashq afsaan hae hae जगजीत सिंह
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Tumko dekhta to ye khayal aaya जगजीत सिंह
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tumne dil ki baat keh di जगजीत सिंह
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Wo kaghaz ki kashti wo barish ka pani जगजीत सिंह
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रात कटी गिन तारा तारा जगजीत सिंह
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वाली आसी जगजीत सिंह
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अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें जगजीत सिंह
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अंदेशे जगजीत सिंह
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अंदेशा जगजीत सिंह
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अंदेशा जगजीत सिंह
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अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे जगजीत सिंह
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अपने होंटों पर सजाना चाहता हूँ जगजीत सिंह
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अब अक्सर चुप चुप से रहें हैं यूँही कभू लब खोलें हैं जगजीत सिंह
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अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें जगजीत सिंह
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अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला जगजीत सिंह
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अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा जगजीत सिंह
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अलविदा'अ जगजीत सिंह
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आइना सामने रखोगे तो याद आऊँगा जगजीत सिंह
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आए कुछ अब्र कुछ शराब आए जगजीत सिंह
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आए हैं समझाने लोग जगजीत सिंह
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आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा जगजीत सिंह
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आज मैं ने अपना फिर सौदा किया जगजीत सिंह
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आते आते मिरा नाम सा रह गया जगजीत सिंह
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आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक जगजीत सिंह
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इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है जगजीत सिंह
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इश्क़ के शोले को भड़काओ कि कुछ रात कटे जगजीत सिंह
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उम्र जल्वों में बसर हो ये ज़रूरी तो नहीं जगजीत सिंह
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उसे समझने का कोई तो रास्ता निकले जगजीत सिंह
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एक पर्वाज़ दिखाई दी है जगजीत सिंह
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कभी यूँ भी आ मिरी आँख में कि मिरी नज़र को ख़बर न हो जगजीत सिंह
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किया है प्यार जिसे हम ने ज़िंदगी की तरह जगजीत सिंह
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किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी जगजीत सिंह
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कौन कहता है मोहब्बत की ज़बाँ होती है जगजीत सिंह
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ख़ूब निभेगी हम दोनों में मेरे जैसा तू भी है जगजीत सिंह
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ख़्वाब था या ख़याल था क्या था जगजीत सिंह
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गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती है जगजीत सिंह
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घर से निकले थे हौसला कर के जगजीत सिंह
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चाँद से फूल से या मेरी ज़बाँ से सुनिए जगजीत सिंह
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ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा जगजीत सिंह
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झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं जगजीत सिंह
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तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो जगजीत सिंह
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तुम नहीं आए थे जब जगजीत सिंह
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तुम से मिलते ही बिछड़ने के वसीले हो गए जगजीत सिंह
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तेरे आने की जब ख़बर महके जगजीत सिंह
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तेरे ख़ुशबू में बसे ख़त जगजीत सिंह
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तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है जगजीत सिंह
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तस्कीन-ए-दिल-ए-महज़ूँ न हुई वो सई-ए-करम फ़रमा भी गए जगजीत सिंह
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दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता जगजीत सिंह
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देखा जो आईना तो मुझे सोचना पड़ा जगजीत सिंह
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दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है जगजीत सिंह
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दर्द अपनाता है पराए कौन जगजीत सिंह
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दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं जगजीत सिंह
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दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ जगजीत सिंह
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दर्द हल्का है साँस भारी है जगजीत सिंह
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दुश्वारी जगजीत सिंह
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दास्तान-ए-ग़म-ए-दिल उन को सुनाई न गई जगजीत सिंह
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दिन आ गए शबाब के आँचल सँभालिये जगजीत सिंह
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दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई जगजीत सिंह
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दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ जगजीत सिंह
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दोस्त ग़म-ख़्वारी में मेरी सई फ़रमावेंगे क्या जगजीत सिंह
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दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला जगजीत सिंह
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न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता जगजीत सिंह
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नज़्र-ए-दिल जगजीत सिंह
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प्यास की कैसे लाए ताब कोई जगजीत सिंह
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फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था जगजीत सिंह
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फ़ासला तो है मगर कोई फ़ासला नहीं जगजीत सिंह
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बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता जगजीत सिंह
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बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे जगजीत सिंह
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मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार जगजीत सिंह
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मुझ से बिछड़ के ख़ुश रहते हो जगजीत सिंह
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मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा जगजीत सिंह
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मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन जगजीत सिंह
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ये किस ख़लिश ने फिर इस दिल में आशियाना किया जगजीत सिंह
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ये कौन आता है तन्हाइयों में जाम लिए जगजीत सिंह
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रुख़ से पर्दा उठा दे ज़रा साक़िया बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जाएगा जगजीत सिंह
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रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमाम जगजीत सिंह
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लोग हर मोड़ पे रुक रुक के सँभलते क्यूँ हैं जगजीत सिंह
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वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था जगजीत सिंह
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वो दिल ही क्या तिरे मिलने की जो दुआ न करे जगजीत सिंह
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वो नग़्मा बुलबुल-ए-रंगीं-नवा इक बार हो जाए जगजीत सिंह
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वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ जगजीत सिंह
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सच ये है बे-कार हमें ग़म होता है जगजीत सिंह
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सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा जगजीत सिंह
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सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता जगजीत सिंह
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हम तो हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँद जगजीत सिंह
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हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा जगजीत सिंह
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हर तरफ़ हर जगह बे-शुमार आदमी जगजीत सिंह
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हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते जगजीत सिंह
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होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है जगजीत सिंह
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ये मो'जिज़ा भी मोहब्बत कभी दिखाए मुझे जगजीत सिंह