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मोहम्मद रफ़ी

1924 - 1980 | मुंबई, भारत

मोहम्मद रफ़ी के वीडियो

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Na shauq e wasal ka da_wa

मोहम्मद रफ़ी

tumhari zulf ke - madan mohan - rafi - naunihal - kaifi azmi

मोहम्मद रफ़ी

इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ

मोहम्मद रफ़ी

कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया

मोहम्मद रफ़ी

कल चमन था आज इक सहरा हुआ

मोहम्मद रफ़ी

कहीं से मौत को लाओ कि ग़म की रात कटे

मोहम्मद रफ़ी

किस तरह जीते हैं ये लोग बता दो यारो

मोहम्मद रफ़ी

कोई साग़र दिल को बहलाता नहीं

मोहम्मद रफ़ी

ग़ज़ब किया तिरे वा'दे पे ए'तिबार किया

मोहम्मद रफ़ी

छलके तिरी आँखों से शराब और ज़ियादा

मोहम्मद रफ़ी

ज़ुल्मत-कदे में मेरे शब-ए-ग़म का जोश है

मोहम्मद रफ़ी

दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ

मोहम्मद रफ़ी

दिल की बात कही नहीं जाती चुपके रहना ठाना है

मोहम्मद रफ़ी

न झटको ज़ुल्फ़ से पानी ये मोती टूट जाएँगे

मोहम्मद रफ़ी

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए

मोहम्मद रफ़ी

नुक्ता-चीं है ग़म-ए-दिल उस को सुनाए न बने

मोहम्मद रफ़ी

नसीब में जिस के जो लिखा था वो तेरी महफ़िल में काम आया

मोहम्मद रफ़ी

बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा

मोहम्मद रफ़ी

बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना

मोहम्मद रफ़ी

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे

मोहम्मद रफ़ी

भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएँ

मोहम्मद रफ़ी

मैं हूँ मुश्ताक़-ए-जफ़ा मुझ पे जफ़ा और सही

मोहम्मद रफ़ी

मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किए हुए

मोहम्मद रफ़ी

मिले न फूल तो काँटों से दोस्ती कर ली

मोहम्मद रफ़ी

रहा गर्दिशों में हर-दम मिरे इश्क़ का सितारा

मोहम्मद रफ़ी

है बस-कि हर इक उन के इशारे में निशाँ और

मोहम्मद रफ़ी

अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है

मोहम्मद रफ़ी

आज की रात मुरादों की बरात आई है

मोहम्मद रफ़ी

कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया

मोहम्मद रफ़ी

ग़ज़ब किया तिरे वा'दे पे ए'तिबार किया

मोहम्मद रफ़ी

जब कभी उन की तवज्जोह में कमी पाई गई

मोहम्मद रफ़ी

ज़ुल्मत-कदे में मेरे शब-ए-ग़म का जोश है

मोहम्मद रफ़ी

ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात

मोहम्मद रफ़ी

जो बात तुझ में है तिरी तस्वीर में नहीं

मोहम्मद रफ़ी

पोंछ कर अश्क अपनी आँखों से मुस्कुराओ तो कोई बात बने

मोहम्मद रफ़ी

बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा

मोहम्मद रफ़ी

मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया

मोहम्मद रफ़ी

मोहम्मद रफ़ी

मोहम्मद रफ़ी

ये महलों ये तख़्तों ये ताजों की दुनिया

ये महलों ये तख़्तों ये ताजों की दुनिया मोहम्मद रफ़ी

ये वादियाँ ये फ़ज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें

मोहम्मद रफ़ी

लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में

मोहम्मद रफ़ी

लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में

मोहम्मद रफ़ी

शर्मा के यूँ न देख अदा के मक़ाम से

मोहम्मद रफ़ी

ज़िक्र उस परी-वश का और फिर बयाँ अपना

मोहम्मद रफ़ी

दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ

मोहम्मद रफ़ी

दिया है दिल अगर उस को बशर है क्या कहिए

मोहम्मद रफ़ी

न किसी की आँख का नूर हूँ न किसी के दिल का क़रार हूँ

मोहम्मद रफ़ी

मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किए हुए

मोहम्मद रफ़ी

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे

मोहम्मद रफ़ी

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