जल्वे मिरी निगाह में कौन-ओ-मकाँ के हैं ताज मुल्तानी
ठानी थी दिल में अब न मिलेंगे किसी से हम ताज मुल्तानी
तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए ताज मुल्तानी
फिरे राह से वो यहाँ आते आते ताज मुल्तानी
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