- Index of Books 180875
-
-
Book Categories
-
Children's Literature1867
Medicine776 Movements280 Novel4053 -
Book Categories
- Bait Bazi11
- Catalogue / Index5
- Couplets62
- Deewan1394
- Doha65
- Epics97
- Exegesis171
- Geet86
- Ghazal931
- Haiku12
- Hamd35
- Humorous37
- Intikhab1491
- Keh mukarni6
- Kulliyat638
- Mahiya18
- Majmua4464
- Marsiya358
- Masnavi767
- Musaddas52
- Naat493
- Nazm1124
- Others64
- Paheli16
- Qasida174
- Qawwali19
- Qit'a55
- Quatrain273
- Quintuple18
- Rekhti12
- Remainders27
- Salaam32
- Sehra9
- shahr-Ashob, Hajw, Zatal Nama13
- Tareekh-Goi26
- Translation73
- Wasokht24
Quotes of Mohammad Yunus Butt
कहते हैं सिगरेट के दूसरे सिरे पर जो राख होती है दर-अस्ल वो पीने वाले की होती है।
एक ख़ातून ने होने वाले ख़ाविंद से कहा, “शादी के बा'द मैं आपके दुख बाँटा करूँगी। उसने कहा, “मगर मुझे तो कोई दुख नहीं।” तो वो बोली, “मैं शादी के बा'द की बात कर रही हूँ।” शायद इसीलिए हर सियासत-दाँ यही कहता है अगर मैं जीत गया तो आपके दुख बाँटूँगा।
औरतों की आधी उ'म्र तो अपनी उ'म्र कम करने में गुज़र जाती है। एक मुलाज़िमत के इंटरव्यू के दौरान इंटरव्यू लेने वाले ने पूछा, “मोहतरमा आपकी उ'म्र?” जवाब मिला, “19 साल कुछ महीने” पूछा, “कितने महीने?” जवाब मिला। “छियानवे महीने!”
गधे और इंसान में ये फ़र्क़ है कि गधा सिगरेट नहीं पीता और झूट नहीं बोल सकता।
सिगरेट है क्या? काग़ज़ की एक नली जिसके एक सिरे पर शोला और दूसरे पर एक नादान होता है। कहते हैं सिगरेट के दूसरे सिरे पर जो राख होती है दर-अस्ल वो पीने वाले की होती है। ऐश ट्रे वो जगह है जहाँ आप ये राख उस वक़्त डालते हैं जब आपके पास फ़र्श न हो। वैसे तो सिगरेट पीने वाले के लिए पूरी दुनिया ऐश ट्रे ही होती है बल्कि होते-होते ये हाल हो जाता है कि वो सिगरेट मुँह में रखकर समझता है ऐश ट्रे में रखा है। रुडयार्ड किपलिंग कहता है कि एक औ'रत सिर्फ़ एक औ'रत होती है जबकि अच्छा सिगार बस धुआँ होता है। दुनिया का सबसे महंगा सिगरेट आपका पहला सिगरेट होता है, बा'द में सब सस्ता हो जाता है यहाँ तक कि पीने वाला भी।
जितनी देर आप दूसरों से इंतिज़ार कराते हैं, दर-अस्ल उतनी देर आप उनसे अपना ज़िक्र करवाते हैं।
मर्द की उ'म्र वो होती है जो वो महसूस करता है और औ'रत की वो जो आप महसूस करते हैं।
इसकी उदासी भी एक उदासी ही होती है। पूछो, “मुहब्बत कैसे शुरू होती है?” तो कहेगी, “मुहब्बत म से शुरू' होती है।” किसी ने कहा कि मियाँ बीवी के झगड़ों में सालिस बच्चे होते हैं, तो कहने लगी बिल्कुल ग़लत, मियाँ-बीवी के झगड़ों में सालिस रात होती है। कहती है, “मर्द और औ'रत की सोच एक जैसी होती है, औ'रत मर्द से सोना माँगती है और मर्द भी बदले में सोना ही चाहता है।”
अहम आदमी उस वक़्त आता है जब सब आ चुके होते हैं और इसकी आमद का इंतिज़ार कर रहे होते हैं। देर से आना दर-अस्ल आम से ख़ास होने का अ'मल है।
एक साहब कह रहे थे, “सिगरेट पीने से आदत नहीं पड़ती क्योंकि मैं गुज़िश्ता बीस सालों से सिगरेट पी रहा हूँ, मुझे तो आदत नहीं पड़ी।” मैंने कहा, “फिर तुम सिगरेट छोड़ क्यों नहीं देते।” बोले, “सभी कहते हैं सिगरेट न पीना सूद-मंद है और मैं सूद के बहुत ख़िलाफ़ हूँ।”
कहते हैं पहले आदमी सिगरेट को पीता है, फिर सिगरेट सिगरेट को पीता है और आख़िर में सिगरेट आदमी को पीता है। लेकिन फिर भी ये हक़ीक़त है कि इतने लोग सिगरेट से नहीं मरते जितने सिगरेट पर मरते हैं। अंग्रेज़ी में इसे स्मोकिंग कहते हैं लोगों को शायद स्मोकिंग पसंद ही इसलिए है कि इसमें ”किंग” आता है लेकिन इस दौर में ”किंग” कहीं के नहीं रहे। सो लगता है अ'न-क़रीब धुआँ देने वाली गाड़ियों की तरह धुआँ देने वाले अफ़राद का भी चौराहों में चालान हुआ करेगा।
नई नस्ल को सिगरेट से बेज़ार करने का तरीक़ा ये है कि सिगरेट पीना निसाब में शामिल कर दिया जाए। ताहम जो शादी-शुदा उसे छोड़ना चाहते हैं वो सिगरेट की डिब्बी में बीवी की तस्वीर रखा करें।
अगर कोई अदाकारा को लिबास के बग़ैर देखकर ख़ुश न हो तो यक़ीन कर लें, वो जेब-कतरा है।
जेल और घर में ये फ़र्क़ है कि वो घर जहाँ बंदे की मर्ज़ी न चले वो जेल है। शादी के बा'द दोनों में फ़र्क़ करना मुश्किल हो जाता है।
सिगरेट है क्या? काग़ज़ की एक नली जिसके एक सिरे पर शोला और दूसरे पर एक नादान होता है।
दुनिया का सबसे महंगा सिगरेट आपका पहला सिगरेट होता है, बा'द में सब सस्ता हो जाता है यहाँ तक कि पीने वाला भी।
मेरे एक दोस्त ने सिगरेट-नोशी छोड़ने का वा'दा किया। अगले रोज़ आकर कहने लगा कि मैंने आधा वा'दा पूरा कर दिया है बाक़ी आधा रह गया है। मैंने पूछा, “कैसे?” कहने लगा, “तुमसे सिगरेट-नोशी छोड़ने का वा'दा किया था, नोशी को छोड़ दिया। सिगरेट रह गई वो भी छोड़ दूँगा।” वैसे उसके सिगरेट छोड़ने का एक ही तरीक़ा है कि वो क़सम खाए कि आइंदा कभी किसी से सिगरेट नहीं माँगेगा।
एक दफ़ा ”फ़” उसे मिलने गया तो वो नंगे-पाँव दरवाज़ा खोलने आई। उसके पाँव ठोढ़ी तक नंगे थे।
सिगरेट के शुरू' में सग आता है सो उसे किसी रेट पर भी मुँह नहीं लगाना चाहिए।
पान खाने में उन्होंने पी.एच.डी. की है, गिलौरी मुँह में यूँ दबाते हैं जैसे क्लर्क फ़ाइल दबाते हैं।
join rekhta family!
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Get Tickets
-
Children's Literature1867
-