Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Sahir Hoshiyarpuri's Photo'

साहिर होशियारपुरी

1913 - 1972 | फरीदाबाद, भारत

साहिर होशियारपुरी के शेर

2.4K
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

हम को अग़्यार का गिला क्या है

ज़ख़्म खाएँ हैं हम ने यारों से

वो और होंगे पी के जो सरशार हो गए

हर जाम से हमें तो नई तिश्नगी मिली

दिल वो सहरा है कि जिस में रात दिन

फूल खिलते हैं बहार आती नहीं

अपनी अपनी ज़ात में गुम हैं अहल-ए-दिल भी अहल-ए-नज़र भी

महफ़िल में दिल क्यूँकर बहले महफ़िल में तन्हाई बहुत है

कौन कहता है मोहब्बत की ज़बाँ होती है

ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है

जब बिगड़ते हैं बात बात पे वो

वस्ल के दिन क़रीब होते हैं

हम क़रीब कर और दूर हुए

अपने अपने नसीब होते हैं

तुम तौबा करो जफ़ाओं से

हम वफ़ाओं से तौबा करते हैं

हुई थी ख़्वाब में ख़ुशबू सी महसूस

तुम आए ख़्वाब की ता'बीर देखी

अब तो एहसास-ए-तमन्ना भी नहीं

क़ाफ़िला दिल का लुटा हो जैसे

अहल-ए-कश्ती ने ख़ुद-कुशी की थी

हुआ बदनाम नाख़ुदा का नाम

आख़िर तड़प तड़प के ये ख़ामोश हो गया

दिल को सुकून मिल ही गया इज़्तिराब में

फिर किसी बेवफ़ा की याद आई

फिर किसी ने लिया वफ़ा का नाम

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए