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रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : मुंशी नौबत राय नज़र लखनवी

संपादक : मुंशी दया नारायण निगम

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : राम कृष्ण वर्मा

मूल : लखनऊ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1988

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : कुल्लियात

पृष्ठ : 272

सहयोगी : सौलत पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर (यू. पी.)

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पुस्तक: परिचय

منشی نوبت رائے نظر لکھنوی، دبستان لکھنؤ کے اہم اور نمائندہ شعرا میں شمار ہوتے ہیں۔ زیر نظر ان کے مجموعے میں غزلیں، نظمیں، قطعات تاریخ، قصیدے اور متفرقات شامل ہیں۔ نظر لکھنوی کے کلام کی چند نمایاں خصوصیات میں جو باتیں شامل ہیں وہ یہ ہیں کہ انہوں نے دبستان لکھنؤ کی شاعری کو نئی جہتوں سے آشنا کیا۔ لیکن ان سب کے ہوتے ہوئے انہوں نے نہ ہی قدما کے راسخ طریقوں سے صرف نظر کیا اور نہ ہی اس شعری و ادبی انقلاب سے منہ موڑا جو 1857 کی پہلی جنگ آزادی کے بعد رونما ہوا تھا۔ ایک طرف انہوں نے لکھنؤ کے مایہ ناز اساتذہ کے سامنے زانوئے تلمذ تہہ کیا تو دوسری جانب ان اصحاب علم سے بھی خصوصی روابط قائم رکھے جو نئے خیالات اور نظریات کو عام کر رہے تھے۔ یوں ان کی شاعری اور کلام قدیم و جدید کا خوبصورت سنگم ہے۔

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लेखक: परिचय

नज़र, मुन्शी नौबत राय (1866-1923)लखनऊ के एक संभ्रांत कायस्थ घराने में आँखें खोलीं। कम-उ’म्री में ही शे’र कहने लगे और मशहूर हुए। 1897 में ‘ख़दंग-ए-नज़र’ नाम की पत्रिका जारी की और इस के बा’द ‘अदीब’, ‘ज़माना’, ‘अवध अख़बार’ जैसी कई पत्रिकाओं और अख़बारों के संपादन से वाबस्ता रह कर पत्रकारिता में नाम कमाया। अच्छे मुसव्विर और शतरंज की माहिर भी थे।

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