aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
शो’ला, मुन्शी बनवारी लाल (1847-1903) मिर्ज़ा ग़ालिब के महबूब शागिर्द (मिर्ज़ा) हरगोपाल ‘तफ़्ता’ और उनके एक और शागिर्द बाल मुकुंद ‘बेसब्र’ के तलामिजा (शागिर्दों) में थे, और इस निस्बत से ग़ालिब की सोहबत भी उठाई। कमसिनी में शे’र कहने लगे। बात से बात पैदा करने का हुनर जानते थे।
Rekhta Gujarati Utsav I Vadodara - 5th Jan 25 I Mumbai - 11th Jan 25 I Bhavnagar - 19th Jan 25
Register for free