छोड़िए दाग़ों को आईना बदल कर देखें
छोड़िए दाग़ों को आईना बदल कर देखें
आओ अब और नया चेहरा बदल कर देखें
आप बतलाइए कि कितना बदल कर देखें
खो दें पहचान ही क्या इतना बदल कर देखें
वो ये कहता है कि क़िस्मत में तिरी प्यार नहीं
दिल ये कहता है कि अब तोता बदल कर देखें
नर्म लहजे में उसे देख लिया समझा कर
आओ अब हम भी ज़रा लहजा बदल कर देखें
कितना बदले हैं तुझे पाने की उम्मीद में हम
क्या कमी रह गई और कितना बदल कर देखें
दोस्त अहबाब नज़र अब नहीं आते मेरे
ऐसा लगता है उन्हें चश्मा बदल कर देखें
ठोकरें खा लिए अब थोड़ा सँभल जाते हैं
आओ 'आतिफ़' कि चलो रस्ता बदल कर देखें
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