है दिल आईना-सामाँ पर्दा-ए-हाइल से क्या मतलब
है दिल आईना-सामाँ पर्दा-ए-हाइल से क्या मतलब
हैदर हुसैन फ़िज़ा लखनवी
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है दिल आईना-सामाँ पर्दा-ए-हाइल से क्या मतलब
तिरा दीदार आसाँ है किसी मुश्किल से क्या मतलब
जो बहर-ए-इश्क़ में डूबा उसे साहिल से क्या मतलब
मोहब्बत दिल की ख़िदमत है उसे हासिल से क्या मतलब
सुकूँ है मौत हरकत ज़िंदगी का नाम है हमदम
यहाँ रफ़्तार ही रफ़्तार है मंज़िल से क्या मतलब
जो हो बर्बाद-ए-उल्फ़त क्यों किसी का आसरा ढूँडे
डुबोने लाए जो कश्ती उसे साहिल से क्या मतलब
अगर तुम साथ हो वीराना भी गुलशन से बढ़ कर हो
न जिस महफ़िल में हो तुम मुझ को उस महफ़िल से क्या मतलब
है चलना राह पर तेरी तजस्सुस में हूँ सरगर्दां
मिले तेरा निशान-ए-पा मुझे मंज़िल से क्या मतलब
निगाह-ए-नाज़ के नावक चलाए जा चलाए जा
बला से कोई घायल हो तुझे घाइल से क्या मतलब
'फ़ज़ा' को है तमन्ना तेरे दर पे जब्हा-साई की
न हो जो आस्ताँ तेरा तो इस मंज़िल से क्या मतलब
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