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हैं मुनफ़रिद अमल से ये गुफ़्तार से अलग

अहसन आज़मी

हैं मुनफ़रिद अमल से ये गुफ़्तार से अलग

अहसन आज़मी

MORE BYअहसन आज़मी

    हैं मुनफ़रिद अमल से ये गुफ़्तार से अलग

    रहबर जुदा हैं क़ौल से किरदार से अलग

    होंगे ग़ैर के सितम-आज़ार से अलग

    जब तक होंगे हम सफ़-ए-अग़्यार से अलग

    क़स्र-ए-ख़ुलूस हो गया मिस्मार इस तरह

    बैठे हैं लोग साया-ए-दीवार से अलग

    तहज़ीब के ज़वाल पे हैरत कीजिए

    ये अहद-ए-नौ है साबिक़ा अदवार से अलग

    कर लेते हैं ये जुम्बिश-ए-अबरू से गुफ़्तुगू

    हैं अहल-ए-इश्क़ ज़हमत-ए-इज़हार से अलग

    तर्क-ए-हया ने छीन लिया मह-वशों का हुस्न

    बे-क़द्र हैं ये हो के हया-दार से अलग

    सरमाया-ए-हयात मोहब्बत वफ़ा ख़ुलूस

    दौलत है अपनी दौलत-ए-ज़रदार से अलग

    शान-ए-ख़ुदी बचाए हुए मस्लहत से दूर

    मैं जी रहा हूँ वक़्त की रफ़्तार से अलग

    'अहसन' को आरज़ू नहीं नाम-ओ-नुमूद की

    रखता है ख़ुद को कूचा-ओ-बाज़ार से अलग

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