किसी आसेब का साया है इस पर लोग कहते हैं
किसी आसेब का साया है इस पर लोग कहते हैं
पड़ा रहता है वो हुजरे के अंदर लोग कहते हैं
मिरी बस्ती में इक बुढ़िया है जो सच-मुच की डाइन है
वो खा जाती है बच्चों को पकड़ कर लोग कहते हैं
हर इक रिश्ता यहाँ क़ाएम है बस मतलब परस्ती पर
ज़माने में यही राइज है कल्चर लोग कहते हैं
मुअज़्ज़िज़ शख़्सियत है शहर का अब नामवर ग़ुंडा
कि बन बैठा है वो पार्टी का लीडर लोग कहते हैं
सबक़ लेता है जो भी ख़ामियों से अपने माज़ी की
वही जाता है मुस्तक़बिल में ऊपर लोग कहते हैं
तअ'ल्लुक़ है मिरा बस दोस्ती की हद तलक उस से
ग़लत बातें ही लेकिन क्यों बराबर लोग कहते हैं
शिकस्ता नाव ले कर 'फ़ैज़' निकले हो समुंदर में
तुम्हारा डूब जाना है मुक़द्दर लोग कहते हैं
- पुस्तक : Handwriting File Mail By Salim Saleem
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