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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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किसी से इश्क़ करना और उस को बा-ख़बर करना

अब्बास अली ख़ान बेखुद

किसी से इश्क़ करना और उस को बा-ख़बर करना

अब्बास अली ख़ान बेखुद

MORE BYअब्बास अली ख़ान बेखुद

    किसी से इश्क़ करना और उस को बा-ख़बर करना

    है अपने मतलब-ए-दुश्वार को दुश्वार तर करना

    नहीं है मौत पर भी इख़्तियार वा-ए-मजबूरी

    उमीद-ए-मर्ग में मुश्किल बसर करना मगर करना

    क़फ़स में क़ैद करना था तो बाल-ओ-पर कतरने थे

    सितम है बाल-ओ-पर रखते हुए भी यूँ बसर करना

    जो पर थे माया-ए-पर्वाज़ हैं वज्ह-ए-गिराँ-बारी

    ग़ुरूर-ए-बाल-ओ-पर करना तो मुझ को देख कर करना

    बना कर जौर का ख़ूगर इनायत की नज़र करना

    जफ़ा कर शौक़ से तू ज़ब्त पर मेरे जा हरगिज़

    शिकायत क्या मुझे ये काम है जब उम्र भर करना

    जफ़ा उन की वफ़ा-परवर वफ़ा मेरी जफ़ा-परवर

    वो उन को उम्र भर करना ये मुझ को उम्र भर करना

    सर-ए-रह पूछते हैं हाल क्या कहिए कि मुश्किल है

    बयान-ए-दर्द-ए-दिल करना और उस को मुख़्तसर करना

    तवज्जोह चारागर की बाइस-ए-तकलीफ़ है 'बेख़ुद'

    इज़ाफ़ा है मुसीबत में दवाओं का असर करना

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