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नफ़ाज़-ए-नज़्म पुर-इसरार है ऐसा नहीं लगता

अरशद अब्दुल हमीद

नफ़ाज़-ए-नज़्म पुर-इसरार है ऐसा नहीं लगता

अरशद अब्दुल हमीद

MORE BYअरशद अब्दुल हमीद

    नफ़ाज़-ए-नज़्म पुर-इसरार है ऐसा नहीं लगता

    गुलिस्ताँ में कोई सरकार है ऐसा नहीं लगता

    यहाँ हर जेब में ख़्वाबों की ज़र-मुहरें खनकती हैं

    ये दुनिया दर्द का बाज़ार है ऐसा नहीं लगता

    हम अपनी झोंक में आगे की जानिब बढ़ते जाते हैं

    हमारे सामने दीवार है ऐसा नहीं लगता

    सर-ए-पिंदार से पा-ए-जुनूँ का रब्त ग़ाएब है

    ये पीढ़ी बरसर-ए-पैकार है ऐसा नहीं लगता

    मैं जैसे एक राह-ए-सुस्त-रौ की सैर करता हूँ

    मिरी रानों तले रहवार है ऐसा नहीं लगता

    उमड के आया तो है अब्र-ए-गिर्या मतला-ए-जाँ से

    मगर ये साइक़ा-बरदार है ऐसा नहीं लगता

    ब-यक जस्त-ए-तसव्वुर बज़्म-ए-जानाँ में पहुँचता है

    ये 'अरशद' हिज्र का बीमार है ऐसा नहीं लगता

    स्रोत :
    • पुस्तक : Sadaa-e-aabju (पृष्ठ 43)
    • रचनाकार : Arshad Abdul Hameed
    • प्रकाशन : Arshad Abdul Hameed (2004)
    • संस्करण : 2004

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