फिर इंसानों की ग़ैरत ने शैतानों का मुँह फेर दिया
फिर इंसानों की ग़ैरत ने शैतानों का मुँह फेर दिया
अबुल फ़ितरत मीर ज़ैदी
MORE BYअबुल फ़ितरत मीर ज़ैदी
फिर इंसानों की ग़ैरत ने शैतानों का मुँह फेर दिया
फिर हिम्मत-ए-मर्द-ए-मुजाहिद ने तूफ़ानों का मुँह फेर दिया
फिर आज़ादी ने सबक़ दिया आज़ादी के मतवालों को
फिर शम' ने रौशन होते ही परवानों का मुँह फेर दिया
इंसाफ़ की सच्ची ख़्वाहिश ने महरूमों को फिर उकसाया
फिर इंसानों ने शहज़ादों और ख़ानों का मुँह फेर दिया
फिर ख़ल्वत से महरूम किया मुख़तारों को मजबूरों ने
फिर दीद की तालिब दुनिया ने दरबानों का मुँह फेर दिया
फिर पलकें भीगी भीगी हैं फिर चेहरा उतरा उतरा है
मा'लूम हुआ दीवानों ने दीवानों का मुँह फेर दिया
दोज़ख़ से हमें इस बस्ती में जन्नत का तसव्वुर लाया था
इस हिन्दी सिंधी झगड़े ने अरमानों का मुँह फेर दिया
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