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रात के ख़ाली फ़ुटपाथों पर घूमना फिरना सोचते रहना

जावेद अनवर

रात के ख़ाली फ़ुटपाथों पर घूमना फिरना सोचते रहना

जावेद अनवर

MORE BYजावेद अनवर

    रात के ख़ाली फ़ुटपाथों पर घूमना फिरना सोचते रहना

    आँख में जागती नींदें ले कर घूमना फिरना सोचते रहना

    बहके बहके लहजे में कुछ बातें करना चुप हो जाना

    खोलते रहना ख़्वाबों के दर घूमना फिरना सोचते रहना

    यादों के दर-बंद दरीचों में आँखें लटकाए रखना

    गिनना अपने ही टूटे पर घूमना फिरना सोचते रहना

    बे-ख़्वाबी की मिशअल ले कर नींद का रस्ता ढूँडना 'अनवर'

    खुले हुए हैं रात के दर पर घूमना फिरना सोचते रहना

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