ज़र्द सूखे हुए चेहरे नहीं अच्छे लगते
ज़र्द सूखे हुए चेहरे नहीं अच्छे लगते
वक़्त से पहले बुढ़ापे नहीं अच्छे लगते
अपने हाथों से जिन्हें क़त्ल किया है हम ने
उन के चौराहों पे पुतले नहीं अच्छे लगते
जिन का कपड़ों में भी उर्यां नज़र आता है बदन
उन के दरवाज़ों पे पर्दे नहीं अच्छे लगते
माँ की ममता में भी लाती है कमी बेकारी
घर में बैठे हुए बेटे नहीं अच्छे लगते
बाप से रोते हुए बच्चे ने झुँझला के कहा
भूक में खेल खिलौने नहीं अच्छे लगते
दरमियाँ कच्चे घरों के ये मकानात ऊँचे
इन अमीरों के इरादे नहीं अच्छे लगते
हादसे क़त्ल फ़साद आबरू-रेज़ी अग़वा
छोड़िए रोज़ ये क़िस्से नहीं अच्छे लगते
मुल्क की सरहदें कहने लगीं रो कर 'अंजुम'
शहर में फ़ौज के दस्ते नहीं अच्छे लगते
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