कहो प्यारे कि ये बाज़ार है
मानो कि ये बाज़ार है सच्चाई का बाज़ार
तुम सच सच बताओ दाम
छब दिखलाओ
गाहक की यही मर्ज़ी है
तुम मर्ज़ी का सौदा हो इधर घूमो झुको कुछ और झुक जाओ
कि झुकने ही से झुकती है जिसे तक़दीर कहती है ये दुनिया
जिस को तुम दुनिया समझते हो
सभी शहरों में ये बाज़ार है
लेकिन दरीचा दिल का खुलता है
तो इस बाज़ार का मंज़र झलकता है
मैं झुकता हूँ मैं झुकता हूँ
कोई मुझ से ये कहता है कि हाँ कुछ और झुक जाओ
तक़ाज़ा है तक़ाज़ों की ये दुनिया कितनी सच्ची है
बड़ी प्यारी है ये दुनिया
दरीचा दिल का खुल जाए तो खुल जाती है ज़िप पॉकेट की दोबारा
दरीचा दिल का खुलता है
मगर दिल की कली छोड़ो ये बातें
हाँ ये बातें झूट हैं
सच्ची है ये दुनिया
ज़रा इक छब दिखाओ घूम जाओ घूमते जाओ
कि दुनिया घूमती है गोल है प्यारे
सभी गोलाइयाँ अपने किनारों से ढलक जाती हैं
जब बाज़ार सूना हो
उतर जाता है ग़ाज़ा
और दिल कहता है
रोने दो
कुछ इतने ज़ोर से बरसो कि धुल जाए ये गुलशन ख़्वाहिशों का
दिल की मिट्टी से उगें कलियाँ गुलाबों की
दरीचा दिल का खुल जाए तो गलियों में महकते ख़्वाब
ख़्वाबों से मिलें
दिल दिल से मिल जाए
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