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ऐ वतन ऐ वतन

MORE BYअब्दुल मन्नान तरज़ी

    वतन वतन हमारे वतन

    फूल हम हैं तिरे तू हमारा चमन

    तेरी अज़्मत पे हैं जान-ओ-दिल से ख़ुदा

    आसमाँ झुक के परचम तिरा चूमता

    वतन अपनी जन्नत है कूचा तिरा

    ख़ुश्बू हम और तू नर्गिस-ओ-नस्तरन

    वतन वतन हमारे वतन

    फूल हम हैं तिरे तू हमारा चमन

    हम हैं फ़स्ल-ए-बहार और तू गुलिस्ताँ

    तू अगर आसमाँ है तो हम कहकशाँ

    शाख़-ए-गुल तू अगर है तो हम आशियाँ

    तू गुल-अंदाज़-ओ-गुलफ़ाम और गुल-बदन

    वतन वतन हमारे वतन

    फूल हम हैं तिरे तू हमारा चमन

    वतन ख़ाक तेरी है ख़ाक-ए-शिफ़ा

    चाँद-सूरज सा है ज़र्रा ज़र्रा तिरा

    गीत गाती है तेरा ही मौज-ए-सबा

    पाँव धोते हैं दरिया-ए-गंग-ओ-जमन

    वतन वतन हमारे वतन

    फूल हम हैं तिरे तू हमारा चमन

    सर पे दस्तार तेरे हिमाला बना

    चोटी कैलाश की माँग टीका तिरा

    वतन हुस्न-ए-कश्मीर चेहरा तिरा

    सुब्ह-ए-काशी शाम-ए-अवध पैरहन

    वतन वतन हमारे वतन

    फूल हम हैं तिरे तू हमारा चमन

    वतन है दुआ तू सलामत रहे

    अपनी आँखों में तू मिस्ल-ए-जन्नत रहे

    हम को तुझ से हमेशा मोहब्बत रहे

    तू है नसरीन-ओ-लाला-ओ-सर्व-ओ-समन

    वतन वतन हमारे वतन

    फूल हम हैं तिरे तू हमारा चमन

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    अब्दुल मन्नान तरज़ी

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