दिल कहता है दूर चलें
अब इतनी दूर चलें कि पीछे आने वाली
आवाज़ों का शोर सुनाई दे न पाए
इतनी दूर चलें कि हर चेहरा धुँदला पड़ जाए आँखें पीछे मुड़ कर देख न
पाएँ दिल कहता है इतना रोएँ सारी वहशत आँखों के रस्ते बह जाए आँसू
दुख और दर्द के आमीज़े से दर्द अलैहदा कर के फेंक दें और ज़रा सा दुख रख
लें हम आँसू तो फिर आ जाते हैं दिल कहता है ख़्वाब न देखें बे-सुध हो कर रात
गुज़ारें सुब्ह उठें और सूरज की उस पहली किरन का चेहरा देखें जिस ने रात को
फ़त्ह किया है दिल कहता है ख़ूब हँसें और इतना हँसें कि आँखों में आँसू
आ जाएँ इतना हँसें कमरा भर जाए दिल कहता है साहिल की मौजों से खेलें एक
इक लहर पे पाँव धरें और चलते जाएँ जितनी दूर समंदर की लहरें ले जाएँ
और कभी न लौट के आएँ दिल कहता है तेरे पाँव पे सर रख दें हम अपने
बालों पर तेरे हाथों के लम्स से जीना सीखें दुनिया के सब दुख और दर्द
भुला दें सिर्फ़ तुझे देखें और अपनी उम्र बिताएँ दिल कहता है