वतन की मोहब्बत
वो चिड़िया वो तोता वो मैना वो मोर
वो कोयल वो बुलबुल वो क़ुमरी चकोर
वो झीलों की लहरें वो दरिया का ज़ोर
वो झरनों का गिरना वो पानी का शोर
वो सरसब्ज़ इस के पहाड़ और बन
ये मेरा वतन है ये मेरा वतन
वो ग़ल्ले वो मेवे वो तरकारियाँ
वो ख़ुश-रंग फूलों की गुलकारियाँ
वो सरसब्ज़ बाग़ों की फुल-वारियाँ
वो सैराब और ख़ुशनुमा क्यारियाँ
ज़मीनें वो ज़रख़ेज़ दिलकश चमन
ये मेरा वतन है ये मेरा वतन
वो बिखरी हुई धूप दिन की बहार
वो निखरी हुई चाँदनी ख़ुश-गवार
वो रौशन सितारे वो शब का सिंघार
वो सेहन-ए-चमन में खिला लाला-ज़ार
वो महताब की प्यारी प्यारी किरन
ये मेरा वतन है ये मेरा वतन
पहाड़ों के मंज़र बनों का समाँ
वो इन में हज़ारों ही चश्मे रवाँ
कहाँ तक बयाँ इस की हों ख़ूबियाँ
है फ़िरदौस का इस चमन पर गुमाँ
ये बाग़-ए-इरम है ये बाग़-ए-अदन
ये मेरा वतन है ये मेरा वतन
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