शिक्षक दिवस पर दोहा
किसी भी विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है. जहां माता-पिता बच्चों की शारीरिक नशो नुमा में हिस्सा लेते हैं वहीं शिक्षक बौद्धिक विकास में. आज का दिन शिक्षकों के इन्हीं योगदानों के लिए ख़िराज-ए-तहसीन पेश करने का है. इस शिक्षक दिवस पर हमने आपके लिए कुछ अच्छे शेरों का एक चयन किया है. इन्हें पढ़ीए और अपने शिक्षकों के साथ साझा कीजीए.
ख़िदमत से उस्ताद की रहता है जो दूर
चेहरे पर उस के नहीं अच्छाई का नूर
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