aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1959 - 2014 | दिल्ली, भारत
बाक़ी है अब भी तर्क-ए-तमन्ना की आरज़ू
क्यूँकर कहूँ कि कोई तमन्ना नहीं मुझे
काग़ज़ तमाम किल्क तमाम और हम तमाम
पर दास्तान-ए-शौक़ अभी ना-तमाम है
ख़िदमत से उस्ताद की रहता है जो दूर
चेहरे पर उस के नहीं अच्छाई का नूर
क्या नादाँ से दोस्ती क्या दाना से बैर
दोनों ऐसे काम हैं जिन में नहीं है ख़ैर
अम्मी होंगी मुंतज़िर और कहीं मत जाओ
छूटो जब इस्कूल से सीधे घर को आओ
गाली देना पाप है ठीक नहीं तौहीन
औरों को कर के दुखी ख़ुद होगे ग़मगीन
दुश्मन भी हैरान है कर के लाख बिगाड़
तेरी मर्ज़ी के बिना हिलता नहीं पहाड़
Aa Saheli Boojh Paheli
2004
आदिल असीर देहलवी
शख़्सियत और फ़न
2003
Aadil Aseer Dehlavi : Ek Hama Asnaf Shair
2002
Aadil Aseer Dehlavi Ek Mutala
2010
Aadil Nama
2006
Aao Bachchon Paheli Boojhen
1996
Aasan Nazmein
Part-001
2001
Akkad Bakkad
Sign up and enjoy FREE unlimited access to a whole Universe of Urdu Poetry, Language Learning, Sufi Mysticism, Rare Texts
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books