Asif Farrukhi
Short story 15
Article 1
Quote 8

उर्दू अफ़साने में कार-कर्दगी का मे'यार मंटो, इस्मत, बेदी, कृष्ण रहे हैं। उर्दू अफ़साने के चार इक्के... इन चार बड़ों की बरतरी मुसल्लम। मैंने अपनी कहानी को उनके साँचे में नहीं ढाला कि मैं तुरुप का पत्ता हूँ, जिसके रंग पर चाल आ जाए तो क्या बेगी क्या बादशाह ।
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ज़िंदगी उतनी आसान नहीं जितना खेतों से गुज़रना। और कहानियाँ कहना भी उतना आसान नहीं जैसे धूप में खेलते बच्चे।
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कहानी कभी हासिल होती है, कभी हासिल की जाती है, कभी सड़क पर पड़े हुए हीरे की तरह मिल जाती है।
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