Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

1857 - 1909

सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी

ग़ज़ल 25

अशआर 30

खोला दरवाज़ा समझ कर मुझ को ग़ैर

खा गए धोका मिरी आवाज़ से

  • शेयर कीजिए

फाड़ कर ख़त उस ने क़ासिद से कहा

कोई पैग़ाम-ए-ज़बानी और है

  • शेयर कीजिए

आशिक़-मिज़ाज रहते हैं हर वक़्त ताक में

सीना को इस तरह से उभारा कीजिए

  • शेयर कीजिए

शैख़ चल तू शराब-ख़ाने में

मैं तुझे आदमी बना दूँगा

  • शेयर कीजिए

तुम जाओ रक़ीबों का करो कोई मुदावा

हम आप भुगत लेंगे कि जो हम पे बनी है

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 2

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए