अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा ज़ाहिदा परवीन
गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं ज़ाहिदा परवीन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
ज़ाहिदा परवीन
Recitation
join rekhta family!
You have exhausted 5 free content pages per year. Register and enjoy UNLIMITED access to the whole universe of Urdu Poetry, Rare Books, Language Learning, Sufi Mysticism, and more.