ये इल्म का सौदा ये रिसाले ये किताबें
इक शख़्स की यादों को भुलाने के लिए हैं
जाँ-निसार अख़्तर, सय्यद जाँ-निसार हुसैन रिज़्वी (1914-1976) प्रगतिशील आन्दोलन में सक्रिय, प्रमुख शाइरों में शामिल, जिन्होंने इश्क़िया शाइरी को नए यथार्थ-बोध से परिचित कराया। फ़िल्मों के विख्यात गीतकार। ग्वालियर में जन्म। मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ में तालीम। ग्वालियर और भोपाल में अध्यापन, फिर मुंबई में क़याम। मशहूर क्लासिकी शाइर ‘मुज़्तर’ ख़ैराबादी उनके पिता थे और मशहूर फ़िल्म लेखक और गीतकार जावेद अख़्तर उनके बेटे हैं।
सहायक लिंक :
| https://en.wikipedia.org/wiki/Jan_Nisar_Akhtar
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