aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "auliyaa"
जौन एलिया
1931 - 2002
शायर
हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया
1238 - 1325
लेखक
अलीना इतरत
आलिया मिर्ज़ा
आजिज़ कमाल राना
born.2000
इलियास बाबर आवान
born.1976
अतीया नियाज़ी
1876 - 1968
इलियास अहमद गद्दी
born.1934
अतीया दाऊद
इल्यास राहत
1964 - 2018
अतीया परवीन बिलग्रामी
दरबार आलिया मुर्शिदाबाद शरीफ़, पेशावर
पर्काशक
आलिया इमाम
ख़्वाजा सुल्तान निज़ामुद्दीन अाौलिया
अल-आलम अकाडमी, ख़ानक़ाह-ए-आलिया शहबाज़िया, बिहार
उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्यादाग़ ही देंगे मुझ को दान में क्या
जो गुज़ारी न जा सकी हम सेहम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हमबिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगेजाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझेमेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं
पाकिस्तान के अग्रणी आधुनिक शायरों में से एक, अपने अपारम्परिक अंदाज़ के लिए मशहूर
पाकिस्तान के अग्रणी आधुनिक शायरों में से एक, अपने अपारम्परिक अंदाज़ के लिए मशहूर।
औलियाاولیا
saints, friends of God
ऋषिगण, पीर, साधु-संत
उत्तराधिकारी, वारिसीन
'वली' का बहु., उत्तराधिकारी- गण, वारिसीन, ऋषिगण, वली अल्लाह लोग।।
ईलियाایلیا
Elia-name of John Elia
बहुत सच्चा।
आलाएآلاء
benefits, favours, kindness
यानी
काव्य संग्रह
Goya
Guman
लेकिन
Jaun Eliya-Khush Guzran Guzar Gaye
नसीम सय्यद
मज़ामीन / लेख
शायद
Zakhm-e-Umeed
ग़ज़ल
Jaun Eliya Hayat Aur Shayari
नेहा इक़बाल
आलोचना
Ramooz
नज़्म
Mahboob-e-Zil-Manan Tazkira-e-Auliya-e-Dakan
मोहम्मद अब्दुल जब्बार ख़ान
तज़किरा
Tazkirah Auliya-e-Hind-o-Pakistan
मुफ़ती वली हसन टोंकी
हिकायात-ए-औलिया
मोहम्मद तय्यब
हिकायात
Mabada
Mahboob-e-Zil-manan Tazkira-e-Auliya-e-Dakan
मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बसख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ताएक ही शख़्स था जहान में क्या
बे-क़रारी सी बे-क़रारी हैवस्ल है और फ़िराक़ तारी है
हालत-ए-हाल के सबब हालत-ए-हाल ही गईशौक़ में कुछ नहीं गया शौक़ की ज़िंदगी गई
हर बार मेरे सामने आती रही हो तुमहर बार तुम से मिल के बिछड़ता रहा हूँ मैं
ज़िंदगी किस तरह बसर होगीदिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
सारी दुनिया के ग़म हमारे हैंऔर सितम ये कि हम तुम्हारे हैं
बहुत नज़दीक आती जा रही होबिछड़ने का इरादा कर लिया क्या
ठीक है ख़ुद को हम बदलते हैंशुक्रिया मश्वरत का चलते हैं
बे-दिली क्या यूँही दिन गुज़र जाएँगेसिर्फ़ ज़िंदा रहे हम तो मर जाएँगे
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