aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ",1Rr"
1वो सुब्ह कभी तो आएगी
(1)ताज़ा हैं अभी याद में ऐ साक़ी-ए-गुलफ़ाम
जहाँ-ज़ाद नीचे गली में तिरे दर के आगेये मैं सोख़्ता-सर हसन-कूज़ा-गर हूँ!
1ये बच्चा कैसा बच्चा है
कहाँ टूटी हैं ज़ंजीरें हमारीकहाँ बदली हैं तक़रीरें हमारी
1दूर जा कर क़रीब हो जितने
1ये शाम इक आईना-ए-नील-गूँ ये नम ये महक
(1)मैं जहाँ पर भी गया अर्ज़-ए-वतन
(1)ऐ सब से अव्वल और आख़िर
1सियाह पेड़ हैं अब आप अपनी परछाईं
(1)سورج نے ديا اپني شعاعوں کو يہ پيغام
(1)ना-गहाँ शोर हुआ
मैं उड़ते हुए पंछियों को डराता हुआकुचलता हुआ, घास की कलग़ियाँ
(1)कस तरह बयाँ हो तिरा पैराया-ए-तक़रीर
1सारी दीवार सियह हो गई ता-हलक़ा-ए-दाम
1पेकिंग
1बिछी हुई है बिसात कब से
1यूँ तो मरने के लिए ज़हर सभी पीते हैं
(1)رات
(1)ہے عجب مجموعہء اضداد اے اقبال تو
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