आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "معرفت"
नज़्म के संबंधित परिणाम "معرفت"
नज़्म
ऐसे ना-मुकम्मल निशानों की मा'रिफ़त अपने घर तक कैसे पहुँचूँगा
मेरे आस-पास ख़्वाब की कैफ़ियत है
मुनीर नियाज़ी
नज़्म
मअ'रिफ़त दिल में न अब वो रूह में एहसास है
लोग कहते हैं कि है लेकिन हमें तो यास है
जोश मलीहाबादी
नज़्म
कृष्ण आए कि दीं भर भर के वहदत के ख़ुमिस्ताँ से
शराब-ए-मा'रिफ़त का रूह-परवर जाम हिन्दू को
ज़फ़र अली ख़ाँ
नज़्म
हसीं ता'बीर दो या तुम हमारे ख़्वाब लौटा दो
हमारी मा'रिफ़त भेजा है ये पैग़ाम लोगों ने
सलाम मछली शहरी
नज़्म
तालिब-ए-दीदार का बहता है दिल लहरों के साथ
मा'रिफ़त का ज़ौक़ पाता है कँवल के फूल में
साक़िब कानपुरी
नज़्म
'इबादत रंग में आए सदा तिश्ना-लबी ही से
इसी के दम से हुस्न-ए-मा'रिफ़त भी होता है हासिल