आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "आशियाना"
नज़्म के संबंधित परिणाम "आशियाना"
नज़्म
छुपा कर आस्तीं में बिजलियाँ रक्खी हैं गर्दूं ने
अनादिल बाग़ के ग़ाफ़िल न बैठें आशियानों में
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
तुम्हारी तहज़ीब अपने ख़ंजर से आप ही ख़ुद-कुशी करेगी
जो शाख़-ए-नाज़ुक पे आशियाना बनेगा ना-पाएदार होगा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
वो घर कि दूर जिस से थी गर्दिश-ए-ज़माना
आज़ादियों का मेरी आबाद आशियाना
मिर्ज़ा मोहम्मद हादी अज़ीज़ लखनवी
नज़्म
कई बार आ के बिजली गिरी सेहन-ए-गुलसिताँ पर
ये रही हमारी क़िस्मत कि जला न आशियाना
राबिया सुलताना नाशाद
नज़्म
तेरे दिलकश ज़मज़मे थे सब्ज़ा-ज़ारों में ख़मोश
आशियाना था तिरा गुलशन में बज़्म-ए-बे-ख़रोश