Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

CANCEL DOWNLOAD SHER

Quotes on Humour

quote

अच्छे तंज़निगार तने हुए रस्से पर इतरा-इतरा कर करतब नहीं दिखाते, बल्कि ‘रक़्स ये लोग किया करते हैं तलवारों पर’

Mushtaq Ahmad Yusufi
quote

मज़ाह लिखना अपने लहू में तप कर निखरने का नाम है।

Mushtaq Ahmad Yusufi
quote

मेज़ाह की मीठी मार भी शोख़ आँख, पुरकार औरत और दिलेर के वार की तरह कभी खाली नहीं जाती।

Mushtaq Ahmad Yusufi
quote

मेरा अक़ीदा है कि जो क़ौम अपने आप पर जी खोल कर हँस सकती है वो कभी ग़ुलाम नहीं हो सकती।

Mushtaq Ahmad Yusufi
quote

मेज़ाह, मज़हब और अल्कोह्ल हर चीज़ में ब-आसानी मिल जाते हैं।

Mushtaq Ahmad Yusufi
quote

हिस्स-ए-मेज़ाह ही दर अस्ल इन्सान की छटी हिस है। यह हो तो इन्सान हर मुक़ाम से ब-आसानी गुज़र जाता है।

Mushtaq Ahmad Yusufi
quote

मज़ाह निगार के लिए नसीहत, फ़ज़ीहत, और फ़हमाइश हराम हैं।

Mushtaq Ahmad Yusufi

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
Speak Now