महफ़िल पर चित्र/छाया शायरी

ये शायरी महफ़िल की रंगीनियों,

चहल पहल और साथ ही महफ़िल के अनदेखे दुखों का बयान है। इस शेरी इंतिख़ाब को पढ़ कर आप एक लम्हे के लिए ख़ुद को महफ़िल की उन्हें सूरतों में घिरा हुआ पाएँगे।

शब-ए-विसाल है गुल कर दो इन चराग़ों को

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

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