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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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बेस्ट सिगरेट शायरी

हुए ख़त्म सिगरेट अब क्या करें हम

है पिछ्ला पहर रात के दो बजे हैं

रज़्ज़ाक़ अरशद

सिगरेट जिसे सुलगता हुआ कोई छोड़ दे

उस का धुआँ हूँ और परेशाँ धुआँ हूँ मैं

अमीक़ हनफ़ी

सारा ग़ुस्सा अब बस इस काम आता है

हम इस से सिगरेट सुलगाया करते हैं

स्वप्निल तिवारी

पहली सिगरेट पहला ख़्वाब और पहला इश्क़

इन तीनों में एक भी मुझ को याद नहीं

इमरान शमशाद नरमी

नहीं था ध्यान कोई तोड़ते हुए सिगरेट

मैं तुझ को भूल गया छोड़ते हुए सिगरेट

अफ़ज़ल ख़ान

अब मा-हसल हयात का बस ये है 'सलाम'

सिगरेट जलाई शे'र कहे शादमाँ हुए

सलाम मछली शहरी

हम दो बंदे हैं और सिगरेट एक

अब ख़बर होगी दोस्ती की दोस्त

मुज़दम ख़ान

एक दिन उस को मुँह लगाया और

और सिगरेट छोड़ दी मैं ने

एहतमाम सादिक़

हमारे साँस भी ले कर बच सके अफ़ज़ल

ये ख़ाक-दान में दम तोड़ते हुए सिगरेट

अफ़ज़ल ख़ान

रिश्तों को जब धूप दिखाई जाती है

सिगरेट से सिगरेट सुलगाई जाती है

अंकित गौतम
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