जश्न-ए-रेख़्ता 2022 की शायरात
इस चयन में जश्न-ए-रेख़्ता 2022 के प्रोग्राम 'बज़्म -ए-शायरात ' में शामिल शायरात के प्रतिनिधि शेरों का संकलन किया गया है।
चुपके-चुपके 'इश्क़ करने का कोई हासिल नहीं
'इश्क़ में मंज़िल मिला करती है रुस्वाई के बा'द
तुम को चाहें भी और ग़ैर के साथ भी देखें
तुम क्या जानो इश्क़ की क्या क्या लाचारी है