Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अनवर देहलवी के 10 बेहतरीन शेर

उत्तर-क्लासिकी शायर, ज़ौक़ और ग़ालिब के शिष्य अपने सर्वाधिक लोकप्रिय शेरों के लिए प्रसिद्ध

मैं समझा आप आए कहीं से

पसीना पोछिए अपनी जबीं से

अनवर देहलवी

कुछ ख़बर होती तो मैं अपनी ख़बर क्यूँ रखता

ये भी इक बे-ख़बरी थी कि ख़बर-दार रहा

अनवर देहलवी

मिट्टी ख़राब है तिरे कूचे में वर्ना हम

अब तक तो जिस ज़मीं पे रहे आसमाँ रहे

अनवर देहलवी

वो जो गर्दन झुकाए बैठे हैं

हश्र क्या क्या उठाए बैठे हैं

अनवर देहलवी

हश्र को मानता हूँ बे-देखे

हाए हंगामा उस की महफ़िल का

अनवर देहलवी

हर शय को इंतिहा है यक़ीं है कि वस्ल हो

अर्सा बहुत खिंचा है मिरी इंतिज़ार का

अनवर देहलवी

कैसी हया कहाँ की वफ़ा पास-ए-ख़ल्क़ क्या

हाँ ये सही कि आप को आना यहाँ था

अनवर देहलवी

अल्लाह-रे फ़र्त-ए-शौक़-ए-असीरी की शौक़ में

पहरों उठा उठा के सलासिल को देखना

अनवर देहलवी

'अनवर' ने बदले जान के ली जिंस-ए-दर्द-ए-दिल

और इस पे नाज़ ये कि ये सौदा गिराँ था

अनवर देहलवी

नज़र आए क्या मुझ से फ़ानी की सूरत

कि पिन्हाँ हूँ दर्द-ए-निहानी की सूरत

अनवर देहलवी

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए